"गर्व"

*गर्व*

माँ ने आपने,
लाल से कहा !
मुझे गर्व है,
मेरे लाल तुझ पर !!
कि तूने जन्म लिया,
मेरे गर्भ से !
तू आपने माँ,
का सैनिक है !!
तूने माँ के दूध का, 
कर्ज अदा किया !
मेरा अभिमान तू, 
मेरा स्वाभिमान भी तू !!
देश की आन भी तू, 
देश की बान भी तू !
आपने देश पर, 
शहीद होने का तेरा!!
यह जज़बा, 
तुझें सलाम यूँ ही!
तिरंगे मे तू लिपटा, 
मेरे लाल !!
यह तेरा लिबास है 
तुझें सलाम यूँ ही !

शिवशंकर लोध राजपूत ✍️
(दिल्ली)
व्हाट्सप्प no. 7217618716
ईमेल :shivs6203@gmail.com

यह मेरी स्वरचित और मौलिक रचना है !

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