राष्ट्रीय भक्ति गीत
आओ साथी नमन करें ,
ये मिट्टी हिंदुस्तान की ।
इस मिट्टी का तिलक करें,
ये मिट्टी अपनी शान की ।
जय जय हिंदुस्तान की,
जय हो हिंदुस्तान की ॥
वंदन करते इस धरती का,
जहाँ जन्में श्री राम है ।
यहाँ कृष्ण गौतम गाँधी का,
.लिखा गया जय गान है ।
गूंजा करता एक ही नारा,
जय जय जय श्री राम की ।
जय जय हिंदुस्तान की ,
जय हो हिंदुस्तान की ॥
रास रचाते राधा मोहन ,
गोपीन के संग साथ लिये ।
धूम मचाए ब्रज में देखो ,
मुरली की संग तान लिये ।
सारे जग का बना दुलारा ,
यशोधा के नन्द लाल की ।
जय जय हिंदुस्तान की,
जय हो भगवान .की ॥
वीर शहीदो की गाथाए,
. गाता यह संसार है ।
जौहर वाले हाथों की,
महिमा अपरम्पार है ।
यहाँ हिंद की नारी ,
पुजी जाती है बलिदान की ।
. जय जय हिंदुस्तान की ,
जय हो हिंदुस्तान की ॥
गंगा यमुना ओर नर्मदा ,
सतलज की धारा है ।
यहाँ पेड़ भी पूजे जाते ,
ये ईश्वर की काया है ।
इस निर्दोष का दोष नही,
बस माया है भगवान की ।
जय जय हिंदुस्तान की ,
. जय हो भगवान की ॥
इस मिट्टी से तिलक करो ,
ये मिट्टी चारों धाम की !
जय जय भगवान की ,
जय हो हिंदुस्तान की ॥
निर्दोष लक्ष्य जैन धनबाद
10।4।2020
0 टिप्पणियाँ