अज़हर अहमद शायराना अंदाज़ में

1.कहा था मौत,
कल मिलने आउंगा,
सदियों बित गए,
तुम्हे लेने आउंगा, 
सुना हू यहां लोग,
तुम्हे दुवाए ख़ूब देते है,
माफ़ कर दोस्त - मै सिर्फ,
तुम्हे देखने आऊंगा |
       ...Azhar Ahmed
2.सुहाना है मौसम,
दीवाना बना देगा,
दीवाना है इश्क,
आवारा बना देगा,
आवारगी से तो अच्छा है,
क्यूँ  न चले हम अकेले,
मुसाफ़िर कह-कह कर,
ये दुनिया आवारा बना देगा।
3.तुमसे हो के खफ़ा,
खुद को भुला दिया हूँ ,
शहर से बड़ी दूर,
अपना घर बसा लिया हूँ ,
ख़ूब मनाया जश्न ,
तुमसे दूर होने पर,
दिल को अच्छी लगी तेरी तस्वीर,
तो घर में लगा रख्खा हूँ ।
      ... Azhar Ahmed

Badlavmanch

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