भारत - चीन - नेपाल संबंध

भारत , चीन , नेपाल संबंधों के बारे में यदि चर्चा करें
तो वह चंद शब्दों में संभव ही नही है । फिर भी इतना अवश्य है कि तीनो देशों के सदियों से बहुत ही गहरी मित्रता के सम्बंध रहे है । सदियों का इतिहास खंगाला
जाये तो चीन के साथ भारत के व्यापारिक रिश्तों को
नकारा नही जा सकता । एक ओर चीन के साथ मसाला , अयर्वेदिक औषधि तथा सामरिक व्यापार का
जिक्र इतिहास के हर पृष्ट पर दर्ज है । दूसरी बात धार्मिक दृष्टि की तो चीन कुछ दशक पूर्व तक बौद्ध राष्ट्र के रूप में परिचित हुआ करता था । इन दिनों वह भले ही कम्युनिष्ट की राह पर है । भारत और चीन के
1962 के युध्द के बाद रिश्ते बिगड़ गये , फिर भी व्यापारिक साझेदारी चीन के साथ अबतक बनी हुई ।थी ।
अब नेपाल के बारे में सोचा जाये तो इसके साथ भारत
का सलूक छोटे भाई जैसा रहा । नेपाल हिन्दू राष्ट्र माना जाता है । दोनों देशों की सीमाएं एक दूसरे के
नागरिकों के लिये मुक्त । लेकिन चीन के इशारे पर
नेपाल ने इन दिनों भारत के साथ अनबन कर ली , फिर भी नेपाल के साथ रिश्तों में सुधार होने की प्रबल।संभावना है , लेकिन चीन के बारे में अभी कुछ नही कहा जा सकता ।
----- डॉ. जयप्रकाश नागला ,
नान्देड़ , महाराष्ट्र

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