तुलसी महिमा


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From: VIJAY LAXMI <devlaxmi1984@gmail.com>
Date: Mon, 27 Jul 2020, 7:31 pm
Subject: "तुलसी महिमा"(कविता)
To: <badlavmanch.members@blogger.com>


भक्त शिरोमणि कवि तुलसीदास,
अद्भुत-अदम्य इनका इतिहास,
बालक मुख से जब निकला राम,
"राम-बोला"पड़ा तुलसी का नाम,
पिता तुलसी के आत्माराम,
हुलसी देवी माता का नाम,
महिमा राम की तुलसी बखानी,
तुलसी प्रखर बुद्धि के स्वामी,
राम संग लगायो अपार स्नेहा,
राम सम् कोई और न होना,
राम-नाम जपे जग ये सारा,
दुख-क्लेश छूट जाये अपारा,
रामचरितमानस रच तुलसी ने,
किया जगत का अति कल्याण,
राम गुणगान कर तुलसी ने,
चहुंओर फैलाई रामभक्ति धारा,
जग को बनाया लोकमंगल सारा,
जन-जन को तुलसी ने,
दिया यही उपदेश,
धीरज,धर्म,दया को मानव,
मन में करा प्रवेश,
कर ले मानव तू इस जग में,
कुछ तो अच्छे कर्म,
नैया राम-नाम से तरती,
यही सफल जीवन का मर्म,
निःस्वार्थ भाव से कर्मकरें सब मिलके,
जन-जन को तुलसी ने,
दिया यही संदेश है।

(स्वरचित)
डाॅ०विजय लक्ष्मी,
काठगोदाम,उत्तराखण्ड

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