प्रसिद्ध कवयित्री माधवी गणवीर जी द्वारा रचित 'श्रीगणेशा' विषय पर काव्य सृजन

*श्री गणेशा*

हे जननायक
सिद्धि विनायक
विध्न विनायक
कष्ट निवारक
वक्रतुण्ड महानायक
प्रथमपूज्य देवो के नायक
जग में सुंदर है एक नाम
शत् शत् तुम्हे प्रणाम।

माँ पार्वती तुम पर वारे
शिव शंभु के तुम दुलारे
कार्तिकेय के भैय्या प्यारे
सब देवो से लगते न्यारे
जीवन जगत के तारण हारे
बिगड़े बनाये सब काम
शत् शत् तुम्हे प्रणाम।

बड़ी कृपा जो आप पधारे
धन्य हो गए भाग्य हमारे
संकट को जो झट से तारे
दुष्टो को जो कर दे किनारे
हम है प्रभु आपके सहारे
नैय्या पार करो हमारे
एक फेरे मे किए चारो धाम
शत् शत् तुम्हे प्रणाम

लड्डू,मोदक तुम्हे सुहाते
दूबी,फूल तुम्हे चढाते
जग में प्रथम पूजे जाते
मनवांछित फल हैं पाते
विध्नहर्ता तभी कहाते
दुष्टो के करे काम तमाम
शत् शत् तुम्हे प्रणाम

  माधवी गणवीर
  सम्मानित राष्ट्रपति पुरस्कार
छत्तीसगढ़

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