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*व्यवस्थापन*
*जहां फाँसीपर झूलता हो देश का किसान।*
*वह है प्यारा देश हमारा हिंदुस्तान।*
*राजनीति में हो गये वह लबालब सब,*
*मनमर्जी से चल रहा व्यवस्थापन जब।*
*कोन किसको रोखेगा सब है चोर-चोर?*
*जहां चोरों का पूरा होता है अरमान।*
*वह है प्यारा देश हमारा हिंदुस्तान।*
*कुत्ते को खिला रहे घी और रोटी,*
*दूसरी ओर तड़प रही बहुत माँ और बेटी।*
*ससुर घर बुलाये, माँ-बाप को भेजे वृद्धाश्रम,*
*वह कैसी होगी उनकी संतान?*
*वह है प्यारा देश हमारा हिंदुस्तान।*
*चूल्हा जलता नही बरसात की फुवार से,*
*जिंदा हो गया दफन कर्जे की मार से।*
*मजहबों की दुकानें खोली हर चौराहे पर,*
*उन लोगों ने बना दिया देश को कब्रस्तान।*
*वह है प्यारा देश हमारा हिंदुस्तान।*
*हिन्दू, मुस्लिम, सिख ईसाई का नारा है,*
*फिर क्यो नही दिखता आपस मे भाईचारा है?*
*क्या पढ़े लिखे का कोई अर्थ नही?*
*इन्सानियत को भूलकर क्यो हो रहे शैतान?*
*वह है प्यारा देश हमारा हिंदुस्तान।*
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*कवि-देवेंद्र चौधरी, तिरोडा*
*ता २२/०८/२०२०*
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