प्रसिद्ध कवयित्री अंजली खेर जी द्वारा 'ऐसे होते हैं पापा' विषय पर रचना

ऎसे होते है पापा,,,

चेहरे पर तटस्थता,,
पर हृदय में प्यार का दरिया सा बहता,,
आंखों में सख्त हावभाव,,
पर पलकों के पीछे 
अपनों के प्रति असीम प्रीत का ज्वार,,
जिव्हा पर अजब  अनुशासन ,,
पर मन मे अपनों के
उत्थान के छिपे है भाव,,,,
रिश्तों के जोड़-गुणा का,,
सटीक गणित होते है पिता,,
तो व्यवहार के समीकरण के
सूत्र वाले रसायन होते हैं पिता,,,

अंजली खेर
भोपाल

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