शीर्षक - अनोखा बंधन ही तो रक्षाबंधन है
प्यार का असली प्रतिमान है,
बहन का जो अभिमान है।
बहन भाई का मान है,
अनोखा बंधन ही तो रक्षाबंधन है।।
सरहद पर रक्षा करने वाला भाई भी जवान है,
उस भाई की मायूसी से हम अनजान है।
भाई तो हर बहन की जान है,
अनोखा बंधन ही तो रक्षाबंधन है।।
रक्षाबंधन तो प्यार की पहचान है,
प्रेम की अनुभूति से ही तो दुनिया चलायमान है।
बहन-भाई की प्रीत से हर घर शोभायमान है,
अनोखा बंधन ही तो रक्षाबंधन है।।
स्तुत्य रिश्ते की महक चंदन के समान है,
सीमा पर रहने वाला भाई देश की शान है।
सूनी कलाई दिल में प्यार का भी मान है,
अनोखा बंधन ही तो रक्षाबंधन है।।
©®जितेन्द्र विजयश्री पाण्डेय "जीत"
©®रचना मौलिक और अप्रकाशित सर्वाधिकार सुरक्षित।
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