कवि शिवशंकर लोध राजपूत जी द्वारा 'पार्टी' विषय पर रचना..

*पार्टी*

पार्टी में घर से खाकर गए, 
तो क्या गए !
खाली पेट जाने को हम तैयार, 
भरपेट भोजन मिलेगा !!
पूरी हलवा वा चोखा दाल भात, 
मटर पनीर की सब्जी होगी जायकेदार !
और तरह तरह की,
सब्जियों को भी चखेगें आज 
भीड़ भाड़ की इस घड़ी में, 
कपड़े गंदे होंगे आज !!
तभी तो खाने का, 
आएगा आनंद आज !
कुछ चम्मच से, कुछ उंगली से, 
उठा उठा कर खाएंगे दाल भात !!
गोलगप्पे, टिक्की, भल्ला-पापड़ी, 
चाऊमीन, आइसक्रीम की होगी स्टाल !
कोल्ड्रिंक्स, कॉफ़ी भी पिएगें आज !!
डी.जे. पर गानों की होगी भरमार, 
बच्चे, बूढ़े, लड़का-लड़की जवान!
थिरक थिरक कर नाचे गाएेगें, 
खुशियां मनाएंगें आज !!
बिन दारू के पार्टी तो होगी बेकार, 
जिन की पार्टी में जाएंगे, 
उनका रखना पड़ेगा ख्याल!
वर वधू को आशीर्वाद वा 
देगे शगुन लिफाफा भेंट !!

शिवशंकर लोध राजपूत ✍️
व्हाट्सप्प no. 7217618716

यह मेरी स्वरचित व मौलिक रचना है !

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