कवि रमेश चन्द्र भाट जी द्वारा 'गणपति कैसे हो' विषय पर रचना

दिनांक--27-08-2020

शीर्षक- गणपति कैसे हों
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स्वरचित रचना
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कुशाग्र बुद्धि का हो स्वामी,
नेतृत्व समुह का कर सकता।
बड़े सिर में रखें सोच  बड़ी,
वो गणपति बन सकते हैं।

चिंतनशील गंभीर हो प्रकृति,
छोटी आँख दिखाए शुक्ष्मता।
देख परख कर जो निर्णय  लेता,
वो गणपति बन सकते हैं।

बड़े कान से सुनता सबकी,
बुद्धि विवेक से निर्णय लेता।
सूप समान  सार  को गहे,
वो गणपति बन सकते हैं।

हिलती सूंड सा हरदम सक्रिय,
काम सभी के करवा देता।
जो पुरुषार्थ करनेवाला हो,
वो गणपति बन सकते हैं।

हर छोटी बड़ी बात पचाकर,
लम्बोदर खुशहाली लाता।
जो समाज में समृद्धि लाये,
वो गणपति बन सकते हैं।

हर चीज का कैसे हो उपयोग,
टूटा दांत लेखनी बन जाता।
पा सके बुराईयों पर विजय,
वो गणपति बन सकते हैं।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
नाम-रमेश चंद्र भाट
पता-टाईप-4/61-सी,
रावतभाटा, चितौड़गढ़,
राजस्थान।
मो.9413356728

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