ग्यारह वर्षीय वैष्णवी अवस्थी द्वारा 'जन्मदाता' विषय पर रचना

जन्मदाता ने दिया है ये जीवन हमें
उपयोग इसका करना तुम सीख लो

कुछ गरीबी के दुख भोगते
तो कुछ अमीरी के सुख भोगते 
ये सब कर्मो का खेल है 
वो सबको सब कुछ देता है
बस मन विश्वास का फेर है
 
जन्मदाता ने दिया है ये जीवन हमें
उपयोग इसका करना तुम सीख लो

गर मदद करो उन लोगो की
जिनके पास  एक रोटी नही
सुख पाओगे तुम वो अपार
जिसका कोइ मोल नही

परोपकार से बड़ा 
इस दुनिया मे कोई कर्म नही
पशुओं को रोटी दो और
गरीबो को पकवान
ना समझना कोई बड़ा  है
न समझो कोई छोटा है
बस नजरिया बदल के देखो
हम सब एक पिता की है संतान

जन्मदाता ने दिया है ये जीवन हमें
उपयोग इसका करना तुम सीख लो


वैष्णवी अवस्थी (11वर्ष)
लखीमपुर खीरी

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