रक्षाबंधन दे रहा, हम सब को संदेश।। मिलजुल कर हम सब रहें, अपना अनुपम देश।।

रचना रक्षाबंधन पर,,,
सावन सा पावन नहीं ,और कोइ त्योहार।।
दर्पण सा जिसमें रहे ,भाइ बहन का प्यार।।

रक्षाबंधन नेह का, है अनुपम त्योहार।।
जिसमें भाई बहन को, दे रक्षा उपहार।।

जब जब आए बहन पर, आफत का संसार।।
तब तब हर भाई करे, बहना संकट पार।।

+हर बहन का भाई को संदेश+
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मात-पिता सबके लिए, हैं भगवान समान।।
इनको हम सब खुश रखें, ये है पुण्य महान।।

वृक्षों को हम दें प्रषय, ये हैंसबकी जान।।
इनके ही आशीष से, मिलता जीवनदान।।

रक्षाबंधन दे रहा, हम सब को संदेश।।
मिलजुल कर हम सब रहें, अपना अनुपम देश।।
    बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 786 92 18 525
वरिष्ठ कवि एवं शायर सागर मध्य प्रदेश।।

Badlavmanch

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