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मन भावन स्नेहिल सावन ,
पूर्णिमा है अदभुत उपहार।
पावन ,अमिट प्यार समाहित,
है रक्षा बंधन का त्योहार ।
रक्षित हो बहना आजीवन ,
भाई रखता है शर पर हाथ।
भाई को बांध रक्षा बहिन भी,
पद पर रख देती है माथ ।
प्रेमाश्रु झरता दोनों तरफ ,
सुचि प्रेम का होता अवतार।
पावन ,अमिट प्यार समाहित,
है रक्षा बंधन का त्योहार ।
भाई -बहन का अमर प्यार ,
सुचितम और सनातन है।
भ्राता आशीष युगों-युगों से,
रक्षा कवच पुरातन है।
मर मिटती बहिन भाई पर ,
दुख भी सहकर लाखों हजार।
पावन ,अमिट प्यार समाहित,
है रक्षा बंधन का त्योहार ।
सभी भाई -बहन हैं आपस में,
है विश्वबन्धुत्व का सार यही।
हो रक्षा बहिनों की हर पग पर,
सर्वोपरि है विचार यही ।
भाईयों से रक्षित ,पल्ववित ,
होता रहे सकल संसार ।
पावनअमिट प्यार समाहित,
रक्षा बंधन का त्योहार ।
सब एक नेक हो दृढ़ प्रतिज्ञ ,
रक्षा का अनुपम व्रत ले ले ।
सभ्यता संस्कृति बहिनों की ,
रक्षा हेतु सब कुछ झेले ।
रक्षा बंधन संदेश अनूठा ,
यही देता है सबको हर बार ।
पावन ,अमिट प्यार समाहित,
है रक्षा बंधन का त्योहार ।
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बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर
गोपालगंज (बिहार)841508
मो0नं0 - 9572105032
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On Sun, Jun 14, 2020, 2:30 PM Baburam Bhagat <baburambhagat1604@gmail.com> wrote:
🌾कुण्डलियाँ 🌾*************************1पौधारोपण कीजिए, सब मिल हो तैयार।परदूषित पर्यावरण, होगा तभी सुधार।।होगा तभी सुधार, सुखी जन जीवन होगा ,सुखमय हो संसार, प्यार संजीवन होगा ।कहँ "बाबू कविराय "सरस उगे तरु कोपण,यथाशीघ्र जुट जायँ, करो सब पौधारोपण।*************************2गंगा, यमुना, सरस्वती, साफ रखें हर हाल।इनकी महिमा की कहीं, जग में नहीं मिसाल।।जग में नहीं मिसाल, ख्याल जन -जन ही रखना,निर्मल रखो सदैव, सु -फल सेवा का चखना।कहँ "बाबू कविराय "बिना सेवा नर नंगा,करती भव से पार, सदा ही सबको गंगा।*************************3जग जीवन का है सदा, सत्य स्वच्छता सार।है अनुपम धन -अन्न का, सेवा दान अधार।।सेवा दान अधार, अजब गुणकारी जग में,वाणी बुध्दि विचार, शुध्द कर जीवन मग में।कहँ "बाबू कविराय "सुपथ पर हो मानव लग,निर्मल हो जलवायु, लगेगा अपना ही जग।*************************बाबूराम सिंह कविग्राम -बड़का खुटहाँ, पोस्ट -विजयीपुर (भरपुरवा)जिला -गोपालगंज (बिहार) पिन -841508 मो0नं0-9572105032*************************मै बाबूराम सिंह कवि यह प्रमाणित करता हूँ कि यह रचना मौलिक व स्वरचित है। प्रतियोगिता में सम्मीलार्थ प्रेषित।हरि स्मरण।*************************
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