नमन वीणा वादिनी
दिनांक--29/08/2020
दिवस --शनिवार
विषय-- प्रेम हमारी ताकत है
विधा --स्वतंत्र
ढाई आखर का शब्द है प्रेम,
शांति का गागर है प्रेम,
द्वेष, राग को मिटाए प्रेम,
अगणित प्रभु का आधार है प्रेम।
बालक का चंचल मन है प्रेम,
जग से ऊपर का शब्द है प्रेम,
अद्भुत शक्ति का दाता है प्रेम,
हमारे पिता और माता है प्रेम।
पीड़ादायी क्षणों का साथी है प्रेम,
रात्रि के दीया और बाती है प्रेम,
मंजिल को लक्ष्य बनाना है प्रेम,
अपने पथ पर सुदृढ़ रहना है प्रेम।
पानी मछली का साथ है प्रेम,
हर्षण कल और आज है प्रेम,
सर्वदा उमंग और उत्साह है प्रेम,
प्रियतम की एक राह है प्रेम।
कांटो में फूलों का वास है प्रेम,
जीवन राग का रास है प्रेम,
नदी की बहती धारा है प्रेम,
मिली समुद्र में तो वो सहारा है प्रेम।।
स्वरचित-- नीलम डिमरी
चमोली,,, उत्तराखंड
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