कवयित्री आराध्या अरु जी द्वारा 'एक रिश्ता बना ले' विषय पर सुंदर रचना

*एक रिश्ता बना ले*
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 ज़िन्दगी की रफ़्तार 
तेरे सोचे से अब भला कम क्या होगी, 
बेशक तु अब अपने क़दमों की तेज़ 
फलांग कुछ और बढ़ा ले 
 :
ज़िंदगी  गतिमान है 
और गति निमित है सदा
कुछ रुक कर थमकर 
अपनों सँग कुछ वक़्त बिता ले :
 
मुस्कुराहट जो ला दे चेहरे पे 
वही हो जाता है अपना सा
जो पुरे सफऱ साथ रहे 
ऐसा कोई दोस्त बना ले :

जो जताना हो सबसे  नेह तो  
कर ले ख़ुद से भी प्रेम, 
यूँ खुद से खुद के रिश्ते की एक  
मज़बूत सी नींव जमा ले :

*®©आराध्या अरु*

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