*मंच को नमन*
कविवाणी कविता काव्यपाठ
विषय-कलम की शक्ति!
विधा-स्वतंत्र
दिन-मंगलवार
दिनाँक-25/8/20
*कलमकार कहाँ हो तुम कलम की ताकत भूल गए हो क्या;*
*मोटी रकम के चक्कर मे कलम की स्याही बेंच दिए हो क्या!!*
*भ्रष्टाचार की मौसी भी जन-जन को अपने कब्जे में ले रही हैं;*
*कलम की नोक छोड़कर राजनीति के पैर दबाने लगे हो क्या!!*
अप्रकाशित औऱ स्वरचित रचना
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@कवि_आकाश_अग्रवाल_लहार(candy)!!
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