कवयित्री शालिनी कुमारी जी द्वारा 'कलम के अल्फाज़' विषय पर सुंदर रचना

पटल को नमन 🙏🙏💐💐

विषय :कवि के अल्फ़ाज़ 

कवि करते हैं कारीगरी
 अल्फ़ाजों के मेलों से..

शब्दों - वर्णों की जुगलबंदी 
पिरोते हैं कविता में... 

साहित्यिक विधाओं की तुकबंदी 
उनकी रचनाओं को गहराते हैं.. 

पाठकगण को भी कर आतुर ये 
अंतिम बंध तक पहुंचाते हैं.. 

हो वीर, श्रृंगार, छंद या रस 
हास्य, व्यंग्य या गीत -ग़ज़ल.. 

चाहे जैसी भी हो कविता 
कर देते हैं भाव - विह्वल.. 

एक कवि बस चाहता हैं इतना 
करें उसके हम भावों का आदर.. 

हो गहराई लेखनी  में इतनी कि 
झंकृत कर दें वो श्रोता-मन के सारे तार.. !!

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"शालिनी कुमारी "
शिक्षिका (प्रारंभिक विद्यालय )
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )

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