डॉ. अनिता तिवारी जी द्वारा रचित रचना

मंच को नमन 🙏

कुछ जलता है ,तभी उजास मिलता है।।
बिना चले भला ,सफर कहां कटता है।
बहुत भीड़ में भी लोग अकेले ही रहे हरदम
बिना गहराइयों के कोई सागर कहां बनता है।

डॉ . अनीता तिवारी,भोपाल

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