👩🚒हौसले का घोड़ा👩🚒
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जीवन के युद्ध-भूमि में,
मैं हौसले का घोड़ा हूँ!
जीत हमारी निश्चित होगी,
मैं जोश में सरपट दौड़ा हूँ!
आज नही तो कल जीतेंगे,
नही हिम्मत अपनी छोड़ा हूँ!
अपने हौसलों के दम पर,
मैदाने- जंग जीत जायेगें!
मैं मैदाने-जंग का निडर घोड़ा हूँ!
एक नया इतिहास बनायेगें,
मैं दुश्मन का मनोबल तोड़ाहूँ!
संघर्ष-मय जीवन यात्रा में मैं,
बहुतों को अपने संग जोड़ा हूँ!
हौसले की करके सवारी,
जीत की ओर सबको मोड़ा हूँ!
इस मौत के मैदान में उम्मीद,
का एक दीपक जलाकर छोड़ा हूँ!
नही हारना थककर सीखा मैनें,
मैं हौसले का एक घोड़ा हूँ!
जिसने की सवारी पीठ पर मेरी,
जीतने को जंग ,दुश्मनों का दुश्मन बड़ा हूँ!
मैं कभी किसी को नही दिया धोखा,
मैं जंगे-जिन्दगी में हौसले का घोड़ा हूँ!
मुसीबतों में कभी किसी को,
जीवन में अकेला नही छोड़ा हूँ!
जीताने को मैदाने-जंग जिन्दगी की,
कितनी बार दुश्मनों को खदेड़ा हूँ!
हारने से पहले लगाम पकड़ लो मेरी,
मैं निश्चित विजयी बनाऊंगा!
मैं एक हौसले का धैर्यवान घोड़ा,
पार करता मैं सबका बेड़ा हूँ!
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💐समाप्त💐 स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:- शशिलता पाण्डेय
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