🙏 सौदेबाज किस्मत🙏
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सौदेबाज किस्मत डरती नहीं,
पैसों से बनती-बिगड़ती नही।
संसार एक किस्मत का बाजार,
कर्मो पर मिलती किस्मत उधार।
जैसा करोगे सौदा,धर्म -कर्म का,
घर उतना ही जाना है लेकर।
पाप-पुण्य सुख-दुख सबका,
हिसाब बराबर चुकाना ही है।
जन्म-मरण के मध्य बटोही,
कर्मो से पथ सरल बनाना ही है।
सब कुछ मिलेगा हमकों यहीं,
सौदा अच्छा या बुरा जो भी हैं।
तरु जैसा लगाना वो पुष्पज पाना,
जैसा बनाओगे, बनेंगा जमाना।
अमृतफल लगाए मीठा फल खाएँ,
लगाएँ बबूल तो चुभता है शूल।
रुलाओ किसी को,रुलायेगी किस्मत,
दोगें खुशियाँ ,बरसेंगे आनन्द केफूल।
तड़पाओ किसी को तड़पोगें तुम,
अपनी किस्मत अपनें बनातें है हम।
ये दस्तूर कभी जाना ना भूल,
किस्मत का सौदा, यहीं है वसूल।
💐समाप्त💐 स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका:-शशिलता पाण्डेय
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