कवि एल.एस.तोमर जी द्वारा 'साहित्य और राजनीति' विषय पर लेख

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बदलाव मंच से जुड़े सभी आदरणीय पदाधिकारियों एवं परम पूज्य सदस्य गणों को सहृदय ‌शुभ कामनाऐं।
                 
   🙏🙏प्रणाम साथियों🙏🙏

साहित्य में राजनीति का।
राजनीति में त्रिकोण मिती का।
         क्या मतलब।।

त्रिकोण मिति में चाणक्य कृति का
बिन तरासे पाषाण से प्रीति का।

               क्या मतलब।।।।

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कोई बुरा करे तो अच्छा सिद्ध करने की राजनीति।

कोई अच्छा करे, तो बुरा सिद्घ करने की राजनीति।

वाह रे जमाने तेरे कितने रूप।
सौ भलाई  बह जाती हैं पानी में,
दोष बने जब जीवन की एक चूक।

 साथियों 

हिंदी साहित्य संस्कृति समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए हम भारतीय भारत के कोने कोने से एक साथ मंच पर जुड़े।
अपने उदगारों को कहा ,आपको सुना।

पता चला मै तो कुछ भी नहीं बड़े बड़े योग्य और साहित्य के ज्ञाता हैं भारत में।
बदलाव मंच से पता चला भारत से बाहर भी हिंदी को महत्व देने वाले लोग हैं।मन गद गद हुआ।


परंतु अब खेद होता है क्यों राजनीति हो रही है साहित्य में।
व्यवसाय हो सकता है कवि होना कुछ लोगों के लिए,कोई बात नहीं।

किन्तु राजनीति वो भी खुल कर ऑनलाइन मंचों और ग्रुपों पर शर्मसार करती है सभी को।
राजनीति करनी है तो जाकर कीजिए फिर साहित्य में आपका कोई स्थान नहीं।
आपकी कलम तो व्यंग और सुधार के लिए चलनी चाहिए।

किसी का दुप्पटा खींचना है तो उस वीर के उपर डाल दीजिए जो देश पर शहीद हुआ है।
तो आपकी जलालत आपकी हिमाकत एक अपेक्षित कर्म कहलाएगी।


मन विचलित है तो उदगार व्यक्त किए ।
प्रतिक्रिया के लिए आदरणीय जन कोई बाध्य नहीं है।
गलत लगा हो किसी को तो क्षमा प्रार्थी नहीं हूं।
प्रतिक्रियाएं झेलने के लिए तैयार हूं।


मित्रों स हृदय नमन आपको।
एल.एस. तोमर यूपी

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