😊अर्थव्यवस्था😊
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श्रीमानजी सुबह सवेरे,
जल्दी-जल्दी उठकर दौड़े।
चेहरे पर मास्क लगाया,
नहा-धोकर होकर तैयार,
जाने लगे, अब वो बाजार।
श्रीमतीजी को हुई हैरानी,
लॉक डाउन तो अभी है जारी।
फिर श्रीमानजी कहाँ चले?
वे बोले थोड़ी मधुर वाणी,
चेहरे पर लेकर थोड़ी परेशानी।
लॉक डाउन में थोड़ी,
सी अब ढील हुई है !
मदिरालय की खुली दुकानें,
मदिरालय में भीड़ हुई है!
चिंता है,मुझे अब देश की,
अर्थव्यवस्था गड़बड़ाई है!
सहयोग करूँगा!दान करूँगा!
थोड़ी मैं मदिरापान करूँगा!
पिऊँगा और थोड़ी पिलाऊँगा !
अर्थव्यवस्था देश की बढ़ाने में,
सरकार का योगदान करूँगा!
😊 समाप्त😊स्वरचित एवम मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका :-शशिलता पाण्डेय
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