🙏मंच नमन🙏
*कविवाणी कविता काव्यपाठ*
दिन- शुक्रवार
दिनाँक- 21/8/20
विषय-उम्मीद पर दुनिया कायम
शीर्षक-फ़रेबी उम्मीद
विधा-स्वतंत्र
*झूठ की दुकानों में सच्चाई आज कायम है;*
*रिश्ता दिल में होकर भी अंगारों पर कायम है!!*
*जो उम्मीद आजकल जहाँ में है ही नहीं;*
*उसी फ़रेबी उम्मीद पर दुनिया कायम है!!*
*@कवि_आकाश_अग्रवाल_लहार(candy)!!*
*पता-लहार भिण्ड मध्यप्रदेश*
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