🙏मंच नमन 🙏
विषय - कोरोनाकाल : आम आदमी का क्या हाल ?
दिन - गुरुवार
दिनांक - 3-9-2020
मंदिर मस्जिद, बाजार है बंद,
गलियां हो गयी है सुनसान,
दुनिया हो गयी है विरान,
इस कोरोना काल में ll1ll
स्कूल पर लग गए हैं ताले,
छात्रों के भविष्य पर मंडराने लगे हैं बादल काले काले,
गुरुजी की आर्थिक स्थिति हो गयी है दयनीय,
इस कारोना काल में ll2ll
कारखाने हो गए हैं बंद,
मजदूरों के सामने खाने के पड़ गए हैं आले,
पैदल ही चल दिये अपने घर के लिए,
इस कोरोना काल में ll3ll
आम आदमी का जीवन अस्त - व्यस्त हो रहा है,
अनचाही अनावश्यक समस्याओं से जूझ रहा है,
भविष्य में अंधकार छा रहा है
इस कोरोना काल में ll4ll
असंख्य, अनगिनत सवाल है मस्तिष्क में,
लेकिन कोई जबाब नहीं है मस्तिष्क में,
जिससे परेशान हैं आम आदमी,
इस कोरोना काल में ll5ll
मानसिक रूप से बीमार है,
शारीरिक रूप से लाचार है,
चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता है
इस कोरोना काल में ll6ll
त्राहि माम... त्राहि माम ... जैसा हाल है,
आम आदमी का हाल बेहाल है,
बड़ी ही विचित्र स्थिति है,
सच कहूँ तो इस कोरोना काल में ll7ll
रचनाकार का नाम - सविता मिश्रा
(शिक्षिका, समाजसेविका और कवियत्री )
पता - वाराणसी उत्तर प्रदेश
स्वरचित और मौलिक रचना
पूर्ण अधिकार सुरक्षित
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