कवि व समीक्षक भास्कर सिंह माणिक कोंच जी द्वारा रचित ....मधुर कविता💐


विषय-खुशहाल रहेगा देश हमारा

जग  में  सबसे  सुंदर  है  देश  हमारा
समृद्ध  खुशहाल  रहेगा  देश  हमारा 

यह तप बल त्याग की है पावन धरती 
दुनियां इसका हृदय से अभिनंदन करती
नित सूर्य आ करता है इसका वंदन
नित्य चांदनी आ इसका उबटन करती

सारे  जग  से  अनुपम  है  देश  हमारा
समृद्ध  खुशहाल  रहेगा  देश  हमारा

जहां के बालक सिंह दांत गिना करते
जहां बाला को देव सम पूजा करते
जहां के लोग  माटी  को  चंदन  कहते 
जहां नित नित नित नव पृष्ठ रचा करते

आलौकिक महाशक्ति है देश हमारा
समृद्ध  खुशहाल  रहेगा  देश   हमारा

जहां दानी रण प्राण दान दिया करते
जहां मन से अतिथि सत्कार किया करते
जहां धरती को माता कहते है माणिक
जहां वीर शत्रु की छाती चीरा करते

सर्वधर्म  का  पालन  है  देश  हमारा
समृद्ध  खुशहाल  रहेगा  देश  हमारा
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घोषणा करता हूं कि यह रचना मौलिक स्वरचित है।
भास्कर सिंह माणिक (कवि एवं समीक्षक )कोंच

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