"बापू से मिलवा दू "
पोरबंदर में जन्मा माटी का लाल,
करमचंद, पुतलीबाई का दुलारा,
करुणा, त्याग, देश प्रेम से सना
वीर जवान मोहन।
साबरमती का यह संत बन
विश्व में भारतवर्ष की पहचान।
तन पर धारण करता खादी की धोती,
हाथों में पकड़ता सच की लाठी।
मुख से सदा बोलता मीठी अमृतवाणी,
देश में सुख शांति की ज्योत जला दी।
नेता, विचारक, अध्यात्मिक पुरुष,
युग निर्माता, युग संचालक।
मानवता धर्म का पालनकर्ता,
देश का राष्ट्रपिता वो कहलाता।
बापू की बातों का केवल इतना सार,
चलो सच, प्यार, अमन की राह पर।
तो जीवन में तुम भी हो जाओगे पार,
प्यारे बापू श्रद्धा से आपको नमस्कार।
सत्य और अहिंसा के बल पर,
भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने वाले बापू।
आज हम सब मिलकर करते हैं यह प्रण,
आपके के विचारों को अपनाएंगे,
एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत बनाएंगे।
रश्मि मानसिंघानी
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