बेटी#डॉ. रेखा मंडलोई इंदौर जी द्वारा बेहतरीन रचना#

बिटिया दिवस के अवसर पर सभी बेटियों को हार्दिक बधाइयां और अपनी स्वरचित कविता बेटी प्रस्तुत है  
    शीर्षक  -  बेटी  👩‍⚖️
अमित बुध्दि से भरपूर जीवन है बिटिया रानी तुम्हारा,
लक्ष्य रहित ना रहना यही है सदा अपने मन में तूने विचारा।
मंजिलों को पाने के लिए अपने सपनों को है संजोया, 
हौंसले की उड़ान मन में भर तूने पंखों को है फैलाया।
उस सीमा तक पहुंचने का अब तुमने अपना मन है बनाया,
जहां से आगे  चल राह भी कर लेती है बस अपना किनारा।
अमल, असीम, अटूट त्याग को है मन में अपने संजोया,
अपने स्नेह विश्वास से तुम्हें ही सबके मन में स्थान है पाना।
मायके के द्वार से जा ससुराल को भी सदा ऐसा ही महकाना,
ससुराल की खुशियों में भी है बिटिया तुझे चार चांद लगाना।
अभी तक मां, बाबुल, भाई_ भाभी को दी जन्नत सी खुशियां,
अब देवर, ननद, सास_ ससुर के मन में है अपना स्थान बनाना।  
मधुर वचन की बरसात से सबके दिलों को तुम जीतना, 
प्रसन्नता रूपी कलियों को अपने ही जीवन में खिलाना।
नत मस्तक व हंसमुख रह सम्मान सबका सदा करना,
दृढ़ इच्छाशक्ति के गहने से  सफलता अनंत तुम पाना। 
हमारी शुभकामना है जीवन के हर स्वपन को साकार करना,
फूलों सी महकना, चंदा सी चमकना ना किसी से डरना।
बेटी के लिए यह दुआ है मेरी हरदम आगे को बढ़ना,
जीवन समर्पित कर पति के दिल में सदा राज करना ।
जीवन को अनंत प्रगति के पथ पर ही अग्रसर करना,
अपना मुकाम खुद हासिल कर जीवन सफल बनाना।
डॉ. रेखा मंडलोई इंदौर

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ