बेटियाँ#शिवशंकर लोध राजपूत (दिल्ली) जी द्वारा बेहतरीन रचना#

बदलाव मंच को नमन 
बिटिया दिवस 
दिनांक :27/09/2020
*बेटियाँ*

रिश्ते की
बुनियाद 
होती है बेटियाँ 

मायके के
आंगन की खुशबू
होती है बेटियाँ 

बड़ी होकर 
जब ससुराल
जाती है बेटियाँ 

मायके को 
ससुराल से
जोड़ती है बेटियाँ 

दोनों कुलों
को संवार 
देती है बेटियाँ 

शिवशंकर लोध राजपूत 
(दिल्ली)

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