आ. कवि - श्री नारायण प्रसाद जी द्वारा रचना, विषय- "लॉक डाउन में शिक्षकों की स्थिति"

"लॉक डाउन में शिक्षकों की स्थिति"
बदलाव मंच
कवि-नारायण प्रसाद 
गाँव गली और टाउन ,सब जगह था लॉक डाउन ।
जागरूकता की बातें बताने लगा था हैलो टोन।
सभी बिमारी कोरोना के सामने बौना था।
बचना है तो बार-बार साबुन से हाथ धोना था।
थोड़ी - सी लापरवाही जिंदगी से हाथ धोना था।
ऐसे में कैसे बच्चों का पढ़ाई-लिखाई होना ।
पर बच्चों का साल भी बर्बाद न होना ।
फिर शिक्षक-शिक्षाकाओ ने कमाल किया।
ऑनलाइन बच्चों का क्लास शुरू किया।
पर रुका नहीं कभी हमारे राष्ट्र निर्माता।
नेटवर्क कभी आता तो कभी जाता । 
पर शिक्षकों का धैर्य डिगा नहीं पाता ।
घण्टों की बातों को मिनटों में बताता ।
कभी छत में तो कभी ऊँचे स्थानों में जाता ।
कई घण्टों तक बच्चों के लिए वीडियो बनाता ।
पावर पाइंट का उपयोग कर पाठ को समझाता।
मुश्किल से गूगल मीट में बच्चों को जोड़ पाता।
दुख होता था जब, सब को नहीं जोड़ पाता।
कुछ बच्चे तो नेटवर्क का बहाना बनाता ।
पर एक शिक्षक सब समझ जाता।

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