मंच को नमन
रामधारी सिंह दिनकर की जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि..
विषय : राष्ट्रकवि दिनकर का सफ़र
विधा : कविता
छायावादोत्तर कवियों की पहली पीढ़ी के कवि वो
स्वतंत्रतापूर्व विद्रोही औ स्वतंत्रताप्राप्ति बाद
वह राष्ट्रकवि हैं माने गए, ऐसे आधुनिक युग के
कवि रामधारी सिंह दिनकर कहलाए... !
ले जन्म सिमरिया घाट में वे
बिहार का गौरव मान बढ़ाए
अपनी कविता, खंडकाव्य, निबंध से
राष्ट्रवादी और प्रगतिवादी कहलाए.. !
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार ) की पावन धरती पर
हिंदी के विभागाध्यक्ष व बिहार विश्वविद्यालय में
हिंदी के प्राध्यापक बनकर अपनी लेखनी के द्वारा
हिंदी साहित्य को शिखरोन्मुख पहुंचाया.. !
कुरुक्षेत्र, रश्मिरथी, उर्वशी, हुंकार
संस्कृति के चार अध्याय, हाहाकार
परशुराम की प्रतीक्षा जैसी रचनाओं में ओज
विद्रोह, आक्रोश औ क्रांति की झलक दिखलाए..!
द्वापर युग की ऐतिहासिक घटना महाभारत
जिसे दिनकर ने अपने प्रबंध काव्य
कुरुक्षेत्र में संकलित कर विश्व के
100 वें सर्वश्रेष्ठ काव्यों में 74 वाँ स्थान दिलाया.. !
दिनकर की बेबाक अभिवक्ति
उनकी क्रन्तिकारी छवि भी दिखाती हैं
परन्तु स्वाभाव से सौम्य औ मृदुभाषी
उनके व्यक्तित्व में छलकती हैं.. !
दिनकर की लेखनी ने पद्म विभूषण का सम्मानदिलाया साथ ही साहित्य अकादमी पुरस्कार औ
ज्ञानपीठ पुरस्कार दिला उन्हें, साहित्य जगत में चिरस्मरणीय स्थान दिलाया.. !!
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शालिनी कुमारी
शिक्षिका सह बदलाव मंच ईस्ट ज़ोन अध्यक्षा
मुज़फ़्फ़रपुर (बिहार )
(स्वरचित मौलिक अप्रकाशित रचना )
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