कवि- आ. नारायण प्रसाद जी द्वारा सुंदर रचना ( शीर्षक- हिंदी भाषा)

शीर्षक- हिंदी भाषा
हिंदी भाषा में ज्ञान है।
हिंदी भाषा में विज्ञान है।
हिंदी भाषा के बड़े-बड़े विद्ववान  है।
जो पा रहे नित नया सम्मान है।
कुछ हिंदू तो कुछ मुसलमान है।
जिनकी कृति आज भी विद्यमान है।
हिंदी भाषा में कहानी है।
जो नई और पुरानी है।
जिसे सुनाती दादी नानी है।
हिंदी भाषा में गाना है।
व्याकरण का ताना बाना है।
राष्ट्र भाषा तो इसे बनाना है।
हिंदी भाषा में गीत है।
स्वरों का संगीत है।
हिंदी भाषा में शब्दों का योग है।
नित नया-नया  प्रयोग है।
हिंदी भाषा में छंद है।
निबंध और पद बंध है।
हिंदी भाषा में काल हैं ।
आज औऱ कल है। 
बीता हुआ पल है।
हिंदी भाषा तो खास है,
क्योंकि शुद्धता इनके पास है।
हिंदी भाषा में लय है।
इसमें धारा प्रवाह है।
इतिहास इसका गवाह है।
हिंदी भाषा तो आसान है।
भारत माता  की शान है।
✍🏻नारायण प्रसाद
    दुर्ग(छत्तीसगढ़)

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