मंच को नमन
मैं ऋणि हूँ
मैं ऋणि हूँ,
माता पिता का
मुझे जन्म देकर
पाला पोसा जिह्नोंने |
मैं ऋणि हूँ,
भाई-बहनों का
मुझे कभी कष्ट का एहसास
नहीं कराया जिह्नोंने |
मैं ऋणि हूँ,
दादा-दादी का
मुझे हर पल
सहारा बनकर उम्मीदें
भर दी जिह्नोंने |
मैं ऋणि हूँ, मित्रों का,
दुःख-दर्द में साया
बनकर साथ निभाया जिह्नोंने |
मैं ऋणि हूँ धरा का
मुझे अपनी गोद में
संभालकर सहनशील का
पाठ पढ़ाया |
मैं ऋणि हूँ गुरुजनों का
सदा प्रेरणादायक बन
तम से निकाल
ज्योति का दीप जलाके
नया मार्ग दिखाया |
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