*आलस किया सफलता गयी*
तुम उठाती हो तो,
उठ जाता हूं!
नहीं तो,
फिर सो जाता हूं!!
तुम उपमा देती कि
सुबह सूरज उठ गया!
प्रकाश फैला रहा विश्व को,
उर्जा प्रदान कर रहा है!!
सब अपने घर को छोड़,
परिवार के लालन पालन के लिए,
बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाना!!
बच्चों की शादी के लिए पैसा जुटाना,
रिश्तों नातो को भी है निभाना!
बीमारी पर दवा दारू मैं पैसा खर्च,
भविष्य के लिए पैसा बचाना!!
बुढ़ापे में शरीर के अंगों का शिथिल होना,
फिर कहां से पैसा आएगा!
यह सोना बिस्तर पर तुम्हारा,
फिर काम ना आएगा!!
तुमने अालस किया अब
सफलता गयी हाथ से तब !
शिवशंकर लोध राजपूत ✍️
(दिल्ली)
व्हाट्सप्प नं. 7217618716
0 टिप्पणियाँ