राष्ट्रीय कवि दिनकर
माँ भारती के लाल कॊ कोटिशः प्रणाम है
कोटिशः प्रणाम है कोटिशः प्रणाम है
कविवर दिनकर कॊ कोटिशः प्रणाम है
अंग्रेजी सरकार के खिलाफ अभियान चलाया
तेरी लेखनी ने जन जन कॊ जगाया
गुलामी के खिलाफ बुलंद इंकलाब कराया
जन जन में आजादी की चेतना कॊ जगाया
तेरी काव्य शेली ने धमाल मचाया
सबके मन भाया राष्ट्र कवि दिनकर कहलाया
हिंदी हिंदुस्तान ये सबको समझाया
जब तक अवनी अम्बर में दिनकर रहेगा
राष्ट्रीय कवि दिनकर का नाम रहेगा
जब तक अपना हिंदुस्तान रहेगा
जब तक तू देश का सितारा रहेगा
रामधारी सिंग दिनकर हमारा रहेगा
ग्राम सिमरिया जहाँ दिनकर उदय हुवा है
वो हम कवियों का तीर्थ धाम रहेगा
कोटिशः प्रणाम कोटिश प्रणाम कोटिशःप्रणाम है
माँ भारती के लाल कॊ कोटिशः प्रणाम है
निर्दोष लक्ष्य जैन
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