कवि श्याम कुँवर भारती जी द्वारा 'कृषि' विषय पर गीत

भोजपुरी कृषि गीत – चला रानी गउआ |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
कईलस कोरोनवा सागरो देशवा डगडोल | 
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
गउआ मे चली के दुनु खेती कईल जाई |
खुनवा पसीनवा उपजाई रोटी खाइल जाई | 
देखि हरियर खेतवा होई मनवा विभोर |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
बैरी कोरोनवा देशवा नास कई दिहल |
केतनों के जान केतना नुकसान कई दिहल|
दुशमन कोरोनवा देशवा मचाई दिहाल हिंडोर |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
बंद भईले काम धंधा लोग कईसे रईहे |
चाउर दाल रोटी बिना कईसे के जिहे |
कइके किसनिया देशवा लियावल जाई भोर |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
केतनन के रोजी गईल बुताइल चूल्हा चौका |
बेईमान भईले केतना मिलललूटे के मौका |
भूखिया मिटाई देशवा बचाई बलका किशोर |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
पालब गाय गोरू फरुहा कुदारी चलाइब |
टेकटर ना मिली खेतवा हरवा जोताइब |
डालब गोबर खदिया गेंहुया मारी हिलोर |
चला रानी गउआ तनी खेतवाकी ओर |
श्याम कुँवर भारती (राजभर)
कवि /लेखक /गीतकार /समाजसेवी 
बोकारो झारखंड मोब -9955509286

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