कवयित्री गरिमा विनित भाटिया जी द्वारा 'उसने किया कमाल' विषय पर रचना

मेरी स्वरचित रचना 

विषय -  "उसने किया कमाल " 


सबकी मुस्कान आज जख्मी है 
एक बिटिया जो घर में जन्मी है 
चेहरे की रंगतों का बुरा हाल है 
दादी ने भी मचाया बवाल है 

किस्मत में लिखी थी 
कह के पल रही है 
नन्हें नन्हें पाँवों से आज 
एक बिटिया चल रही है 

हौसलो में उड़ान लिए,
कुछ पाने को वो पढ़ रही है 
बिन पंखो के ही आज 
एक बिटिया उड़ रही है 

पढ़-लिख कर बेटों जैसा 
"उसने किया कमाल" है 
बेटी हुई है कहने वालो 
वो खुद में ही एक सवाल है 

आज बुरे वक्तो का 
एक बिटिया ने किया बुरा हाल है
आइ•ए•एस बन बनी एक मिशाल है
गूंजती है अवाज "उसने किया कमाल" है

"उसने किया कमाल" है
"उसने किया कमाल" है
"उसने किया कमाल" है

गरिमा विनित भाटिया 
अमरावती

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ