राष्ट्रभाषा-हिन्दी#बाबूराम सिंह कवि जी द्वारा#

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🔥 राष्टृभाषा - हिन्दी 🔥
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सर्वश्रेष्ट  सर्वोपरि सुखद सलोना शुभ ,
सरल   सरस   सुचितम  सुखकारी है।
भव्य  भाव भूषित भारत भरम भरोस ,
निज  अंक  भरे जन-जन हितकारी  है।
अनमोल एकता की अनूठा स्तम्भ दृढ़ ,
अविचल  विश्व  बन्धुत्व  की पुजारी है।
हर भाव हर  दृष्टिकोण  से उत्तम अति,
"कवि बाबूराम " भाषा हिन्दी हमारी है।
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अस्तु  जागरुक  एकजुट हो  यतन बिच ,
प्रसार-प्रचार सभी हिन्दी की ही कीजिए।
होवे  हर कार्य  हर क्षेत्र  विच हिन्दी में ही ,
संसदों  में  व्यक्तव्य  हिन्दी  में ही दीजिए।
भाषणों  उदघोषणों और वार्तालापों बिच,
हिन्दी को हीआत्मसात सब कर लीजिए ।
हिन्दी बिना हिन्द खुशहाल कभी होगानही ,
"कवि   बाबूराम" हिन्दी   प्रेमरस पीजिए।
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भारत आजादी  स्वाधीनता सम्पूर्ण तभी ,
हिन्दी   हर  ओर  जब  हर   में समायेगी।
भारत भव्य भाल की अनुप बिंदी हिन्दी है,
सुयश   सुख  शान्ति  हिन्दी  से लहरायेगी।
विश्व में अटल  अतुल  आर्यावर्त हिन्दी  से,
विश्व   गुरु   गौरव   गुण   हिन्दी बढा़येगी।
संस्कृति सभ्यता की  शान "कवि बाबूराम "
आपस  में  समरसत्ता  हिन्दी   ही लायेगी ।
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स्कूल  कालेज  कोर्ट आफिस  हर घर में ,
हिन्दी की अचूक सभी आलोक फैलाइये।
हर हिन्द वासी जात-पात भेद-भाव छोड़,
हिन्दी   सु   पताका  चहुँ  ओर फहराइये।
आजादी का मूलमंत्र राज हर खुशियों का,
मानवता  साधुर्य  सुचि  हिन्दी   से पाइये ।
राष्टृधर्म  न्याय  नीति   सबके उत्थान  हेतु ,
"कवि  बाबूराम" हिन्दी  सार   में समाइये।

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बाबूराम सिंह कवि 
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर 
गोपालगंज(बिहार)841508
मो0नं0 - 9572105032
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