कवि अरविंद अकेला जी द्वारा 'दिल चाहता है मेरा' विषय पर रचना

कविता/गीत

  दिल चाहता है मेरा
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दिल चाहता है मेरा,
मेरे नैन तेरे नैन से जब जब मिले,
मिलकर तेरे नयनों से,
मेरे जीवन में फुल खिले।
      दिल चाहता है मेरा ...।


दिल चाहता है मेरा,
मिले जब मेरे नैन तेरे नैन से,
हो जाये सभी गम दूर,
दूर हो मेरे जीवन के शिकवे गीले।
      दिल चाहता है मेरा...।

मेरा दिल चाहता है,
मेरे नैन तेरे नैन से बातें करें,
बिछ्ड़े नहीं एक दुसरे से,
ढ़ेर सारा प्यार दिन रातें करें।
     दिल चाहता है मेरा...।

दिल चाहता है मेरा ,
तेरे मेरे नैन सदा मुस्कराते रहें,
रहें एकदुजे के उम्र भर साथ,
एक दूजे पर खुशियाँ लुटाते रहें।
      दिल चाहता है मेरा...।

दिल चाहता है मेरा,
मेरे नैन तेरे नैनो से,
जब जब कहीं भी मिले,
मिलते ही दोनों के तन मन खिले।
     दिल चाहता है मेरा...।
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           अरविन्द अकेला

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