कवि निर्मल जैन 'नीर' जी द्वारा 'वीर भगत सिंह' विषय पर रचना

वीर भगत सिंह...
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करो वंदन~
वीर भगत सिंह
कोटि नमन
एक ही सिंह~
अमर क्रांतिकारी
भगत-सिंह
थे सरदार~
ख़ौफ अंग्रेजों पर
असरदार
अदम्य शक्ति~
कूट-कूट के भरी
थी राष्ट्र-भक्ति
मन में ठानी~
आज़ादी के ख़ातिर
दे दी कुर्बानी
मस्ती में झूमे~
वो हँसते-हँसते 
फाँसी पे झूले
वीर महान~
कण-कण गाता है
गौरव गान
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निर्मल जैन 'नीर'
ऋषभदेव/उदयपुर
राजस्थान

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