भक्ति के मार्ग पर#प्रकाश कुमार मधुबनी के द्वारा गीत#

स्वरचित गीत 
*भक्ति के मार्ग पर*

भक्ति के मार्ग में आ जाओ।
 स्वयं को बन्धन मुक्त कराओ।।
ये दुनियाँ है केवल एक सपना।
चलो तुम भी अब नींद से जागों।।
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दुनियाँ में औरो का क्या भरोसा।
फरेब प्रपंच का सभी खेले चौसा।।
जब मौका मिला जिसको भी 
तब तब ही है दूजों को लूटा।।
कौन देखेगा जो प्राण तेरा छूटा।। 
पर्दा पड़ा है जो मन पर हटाओ।।
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सदियों से हम सोते आये।
सम्प्रभुता को खोते आये।।
अब भी जो हम ना जागे।
कहलाएंगे हम तो अभागे।।
मेरी बात मानो तो यारो।
स्वयं उठो दूजों को उठाओ।।
💐💐💐💐💐💐💐
ये मन हमारा है फुलवारी।
 जरा सोचो कैसे हो रखवाली।।
इसमें लगाना फूल है तुमकों।
ना कि भूल से किकड की डाली।।
चलो परिश्रम से इसको सजाओ।।
आओ यारो मेरे साथ आओ।।
प्रकाश कुमार
 मधुबनी,बिहार

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