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मैं भारत की मातृभाषा
मैं जन्मी देव भाषा संस्कृत से
मेरी लिपि देवनागरी
14 सितंबर 1949 को बनी
वैज्ञानिक एवं सामर्थ्यवान भाषा
मैं भारत की राज्य भाषा
मेरा शब्दकोश बड़ा विशाल
जहां सैकड़ों शब्द विधमान
मैं तो हूं व्यवहारिक भाषा
मेरी पांच उप भाषाएं और
16 बोलियां प्रचलित
मैं सबसे सरल,लचीली भाषा
मेरा उज्जवल,सहज सरल स्वरूप
मैं संसार में प्रसारित सर्वाधिक
प्रचलित,उन्नत,व्यवस्थित भाषा
मुझे मिली संस्कृत शब्द संपदा
मिली विरासत में नवीन शब्द रचना सामर्थ्य
मैं आम लोगों से जुड़ी संपर्क भाषा
मुझे बोलने समझने वाले
50 करोड़ से भी अधिक
मैं जनमानस की प्रिय भाषा
मेरे 11 स्वर 33 व्यंजन
मैं अलंकृत सुसज्जित व्याकरण से
साहित्य,भक्ति,वीरगाथा
मुझसे होता सबका श्रृंगार
मैं हिंदी
मैं भारत की मातृभाषा
मैं जनमानस की प्रिय भाषा..
अपराजिता कुमारी उत्क्रमित
उच्च माध्यमिक विद्यालय
जिगना जगन्नाथ
प्रखंड-हथुआ
जिला-गोपालगंज
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