कवयित्री नीलम डिमरी जी द्वारा 'बेटी' विषय पर रचना

नमन वीणा वादिनी
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दिनांक --२७/०९/२०२०
दिवस ---रविवार

   **बिटिया दिवस विशेष**
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यह एक वरदान है,
 देश की यह शान है।
 मां बाप की जान है,
 परिवार की यह मान है। 
पूजे इसको दुनिया सारी,
 यह है लाडो हमारी।

 सुख दुख में साथ देती है,
 पुत्र का फर्ज निभाती है।
 यही झांसी की रानी है,
 यही चित्तौड़ की महारानी है।
 सज धज के निकले इसकी सवारी, 
यह है लाडो हमारी।

 घर आंगन की चिड़िया है,
 बेटी हमारी गुड़िया है ।
समझदारी की पुड़िया है,
 पापा की कहानी की परियाँ है।
 बातें इसकी प्यारी-प्यारी,
 यह है लाडो हमारी।

 सरगम बन गाना गाती, 
किताब बन सब को सिखाती।
 त्याग की सूरत बन जाती,
 ममता की मूरत बन जाती।
दुनिया जाए इस पर वारी, 
यह लाडो है हमारी। 

हौंसले बेटी के उड़ने दो,
 एवरेस्ट पर उसको चढ़ने दो। 
बेटा- बेटी में फर्क न करने दो,
सिंदूरी आसमान उसे बनने दो।
 उड़ान उसकी सबसे भारी,
 यह है लाडो हमारी।

   रचनाकार-- नीलम डिमरी
     चमोली,,,,,, उत्तराखंड

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