बेताब दिल की तडपन समझते है हम
दुरियाँ को दिल से नाप सकते है हम
धीरज बाँधकर रखिए थोड़ा सा आप
फिलहाल मिलने एकदुजे ना रहे गम
महक ऐसे ही फैलती रहे दिलों में प्यार की
मिलन की आएगी घड़ी,घड़ी है इंतज़ार की
दिलों की आग बुझाने प्यार बरसा देंगे हम
दूरियाँ भले ही हो एक दिन जरुर हो मिलन
रहो दिल के करीब ना होना जुदा कभी
इकरार रहे प्यार का यकिन बढेगा तभी
🙏
दीपक सपकाल
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