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१)
यूँ रंज ना गहा होता ।
ये दर्द ना सहा होता ।
वजहे बेरुखी जानते-
बेवफा ना कहा होता ।
२)
हमारी दीवानगी को, अदा वो कहते हैं ।
हर बात पे ये बात ,सदा वो कहते हैं ।
हमारे दिल की लगी को समझते हैं दिल्लगी-
हमें बेवफा, खुद को अलहदा वो कहते हैं ।
सुधा सेन 'सरिता 'रीवा मध्यप्रदेश
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