आओ आगे बढ़े सतत#बाबूराम सिंह कविबड़का खुटहाँ जी द्वारा बेहतरीन रचना#

🍁आओबढेंआगे सतत्...   🍁
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हिन्दु। हिन्दी आर्यावर्त महान के लिए ।
आओबढें आगे घसतत उत्थान के लिए। 

स्वदेश की रक्षा में जन-जन रहे तत्पर। 
सद्भाव विश्व  बन्धुत्व काहो  भाव परस्पर  
काम क्रोध मोह लोभ मिट दम्भ व मत्सर। 
रहे सब कोई एकत्व समता में अग्रसर। 
उद्धतरहे पल-पल हरि गुणगान के लिए।। आओ ०।।

बाल विवाह बन्द युवा विधवा विवाह हो। 
दहेज  दुष्परिणाम का विध्वंस आह हो। 
मिल बांधकर खाने की जनजन-मे चाह हो ।  
सर्वत्र मानव धर्म  मानवता की  राह  हो। 
जागरुक रहे  नेकी  धर्म दान के लिए।। आओ०।।

गैबध शराब नशा अविलम्ब बन्द हो।
महगांई बेरोजगारी का रफ्तार मन्द हो। 
देशर्दोही दुराचारी नहीं  स्वछन्द हो। 
परोपकार  प्यार का घर-घर प्रकाश हो। 
अबला अनाथ दीन-दुखियों के मुस्कन के लिए। आओ० ।।

चोरी घूसखोरी भ्रष्ट नेता का नाश हो। 
सुख-शान्ति  सफलता का चहुंदिशी विकास हो। 
साक्षरता सहशिक्षा का घर-घर प्रकाश हो। 
परोपकार हरि भक्ति की तीव्र प्यास हो । 
कवि बाबूराम सत्य शुभ अभियान  के लिए। आओ०।।
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बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर 
गोपालगंज(बिहार)८४१५०८
मो०नं० - ९५७२१०५०३२
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