रचनाकारा योगिता चौरसिया जी द्वारा 'लॉकडाउन में शिक्षकों की स्थिति' विषय पर रचना..

बदलाव मंच राष्ट्रीय अंतराष्ट्रीय
 सप्ताहिक प्रतियोगिता 2020
दिन-रविवार
6/9/2020
विषय-लॉकडाउन मे शिक्षकों की स्थिति
योगिता चौरसिया
लॉकडाउन मे शिक्षकों की स्थिति ठीक नहीं है।बहुत और परेशानी से निकल रहा है।जहाँ देश के निर्माणकर्ता की ऐसी हालत से जो कार्य करते हैं।
उसके परिणाम दुख भरे हैं।
एक सफल शिल्पकार की भूमिका निभाते है। संस्कार व संस्कृति को सहेजकर धरोहर के रुप मे रखना 
सिखाते हैं।जिस तरह भवन की नींव मायने रखती हैं। उसी प्रकार से शिक्षक भी निर्माण पुननिर्माण उत्थान
की नीवं रखता हैं।जिससे बच्चों का भविष्य अच्छा बन सके । मार्गदर्शक बन कर मंजिल पाने मे अहम भूमिका निभाते हैं।औंर अंतरमन मे एक नई चेतना नया जोश भरते हैं। ये हमारे भविष्य के एक प्रकाश स्तभं होते
हैं।जो हमे अज्ञान से ज्ञान कीओर ले जाते है। आज नई तकनीक आ गई हैं।डिजिटल इंडिया का प्रतिनिधित्व भी शिक्षक कर रहे हैं।लाकडाउन मे 
ओनलाईन पढ़ाकर बच्चों के भविष्य को संवारने मे लगे हैं। सेवा भाव व सहनशीलता से युक्त होकर भविष्य बनाते हैं।
 आज विषम परिस्थितियों से गुजर रहे।लाकडाउन मे बढ़ती महंगाई और पैसो की से मानसिक व आर्थिक स्थिति मे बहुत फरक पड़ रहा हैं जीवन यापन के लिए शिक्षको को कही मास्क बनाना,तो कही कोई भी जरिया अपनाना पड़ रहा है।
  मजदूरों की स्थिति को सरकार भी समझ रही हैं।उनके लिए  नई योजनाएं बना रही हैं।भोजन के पैकेट अनाज आदि दे रही हैं।परंतु शिक्षको को कोई मदद नहीं मिल पा रही हैं ।शिक्षित वर्ग होने के कारण, न तो किसी  के सामने हाथ फैलाते और स्वभिमान भी बीच मे आता हैं।दो समय के भोजन के लिए भी काफी मसक्कत करना पड़ रहा।
    इनका मान सम्मान बरकरार रखने के लिए इनकी भी मदद करना जरूरी हैं।इनकी स्थिति का सुधरना जरूरी हैं।नहीं तो भविष्य बनाने वाले का भविष्य अंधकार में रहेगा तो वो दूसरों का भविष्य कैसे बना पायेंगे....। 

शिक्षको के त्याग समर्पण का, हम करे वदंन।भविष्य निर्माण कर्ता का, हम करें अभिनंदन। शिक्षक दिवस को ही नहीं, रोज करे सम्मान। शिल्पकार बच्चों को तराश कर,बनाते चंदन ।

     योगिता चौरसिया
      अंजनिया मंडला म.प्र.

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