सादर समीक्षार्थ
विषय - नरेंद्र मोदी
विधा - कविता
हे माँ भारती,के तुम लाल
दृढ़ निश्चय, ही रहे सदा
अटल रहा, विश्वास तुम्हारा
जो कहा, वह कर दिखाया..।।
कभी नहीं, मुँह को छुपाया
सगर्व मस्तक, ऊँचा उठाया
शेर सम, दहाड़ते रहे तुम
विपत्ति से न, कभी घबराए..।।
आदर्श नवीन, स्थापित किए
पथ पर बढ़े निडर, सदा तुम
विरोधियों के, मस्तक झुकाए
शत्रुओं का दर्प, सभी दूर किया..।।
माँ भारती के, यशस्वी सपूत
हे दामोदर दास मोदी के पुत्र
हे हीराबेन माता, कोख जाए
17 सितंबर 1950, में जन्मे ..।।
हे कर्म योगी!, स्वाभिमानी
तुमने नवीन, इतिहास रचे
विश्व के तुम, सरताज बने
अपनी यश पताका, लहराई..।।
तुम भारत के, 14वें प्रधानमंत्री
स्वतंत्र भारत में जन्मे, प्रथम प्रधानमंत्री
तुमनेअतुल साहस दिखलाया
असंभव को, संभव कर दिखाया..।।
हे विकास पुरुष!, कवि श्रेष्ठ
हे युगपुरुष ! , नमो ! नमो !
तुम्हारा वन्दन, अभिनंदन
तुम्हें प्रणाम,शत शत नमन..।।
डॉ. राजेश कुमार जैन
श्रीनगर गढ़वाल
उत्तराखंड
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