वो प्यार का मंदिर है दोस्तों#कवि निर्दोष लक्ष्य जैन जी द्वारा अद्वितीय रचना#

वो प्यार का मंदिर  है दोस्तों 
       जहां रागद्वेष    नही  भेदभाव होता है 
       जहां स्वार्थ अहम का नहीँ     स्थान होता है 
      जहां मात पिता का सदा उच्च स्थान होता है 
      जहां भाई भाई में     सदा    ही प्यार होता है 
      वो घर नहीँ  प्यार का       मंदिर है  . दोस्तों 

    जहां सास बहु में नहीँ  तकरार      होती   है 
    जहां दिलों में  नहीँ   कोई    दरार    होती है 
     जहां ननद भौजाई में सदा प्यार     होता है 
     जहां पति पत्नी  में सद व्यवहार     होता है 
     वो घर नहीँ प्यार का मंदिर है         दोस्तों 
  
   .वहां लक्ष्मी का सदा    ही निवास   होता है 
    वहां धर्म      का सदा  ही  प्रभाव    होता है 
    वहां अतिथि  का सदा   सत्कार    होता  है 
   वहां चलता है  सदा ही    भंडार        दोस्तों 
   भूखा ना प्यासा कोई वहां से जाता है दोस्तों 
    वो घर नहीँ प्यार का मंदिर       है    दोस्तों 

   जहां प्यार की गंगा   सदा    बहती है  दोस्तों 
   जहां प्यार का परचम सदा   फहराता  दोस्तों 
   जहां गौ माता का सदा    सम्मान        दोस्तों 
   जहां माँ बाप पर सदा हो   गुमान        दोस्तों 
    जहां बुजुर्गों    पर सदा हो  अभिमान  दोस्तों 
    वो घर  नहीँ प्यार का  मंदिर     है      दोस्तों 

    " लक्ष्य " ऐसा ही अब  घर  बनाए    दोस्तों 
      सदा प्यार का हम  परचम  फहराए  दोस्तों 
       रागद्वेष भेद भाव    सब मिटाए       दोस्तों 
      घर नहीँ प्यार का मंदिर    बनाए      दोस्तों 

      स्वरचित                   निर्दोष लक्ष्य जैन 
                                          6201698096

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