एक अरेंज्ड विवाह
एक अनजाना, एक अनजानी ,
दो जीवन की एक कहानी।
दो बेगाने परिजन के तय रिश्तों की,
जब बनती हैं एक नई जिंदगानी।
मर्यादा के रिश्तों में बंधकर,
संग-संग जीने-मरने की ठानी।
वरिष्ठ-जनों के मध्यस्ता से,
रस्मों-रिवाज की यह रीत पुरानी।
सात वचनों को निभाने की कसमे,
फिर पड़ती दोंनों को खानी।
सात-जन्मों का ये परिणय-बंधन,
जीवन-भर दोंनों को निभानी।
सुख-दुख में अब साथ रहेंगें,
नही करेंगें जीवन में मनमानी
दोंनों कुल का सम्मान रखेंगें,
संग करेंगे, समर्पण और बलिदानी।
एक दूजे की जिम्मेदारी लेकर,
निभाते प्रेम से, बुढ़ापा और जवानी।
जीवन-भर दोंनों कुल के सम्मान की,
एक ''अरेंज्ड विवाह'' की यही कहानी।
स्वरचित और मौलिक
सर्वाधिकार सुरक्षित
लेखिका शशिलता पाण्डेय
0 टिप्पणियाँ